वो तस्वीर तुम्हारी है Poem by Pamesh Kumar

वो तस्वीर तुम्हारी है

Rating: 5.0

दिल-ओ-दिमाग में जो रहती हमेशा,
वो तस्वीर तुम्हारी है ।
दिन हो या रात हो,
वसंत, पतझड़ या बरसात हो
नीर रहित मरुस्थल हो या
बर्फ से ढके पहाड़ हो,
सुरूप, सुंदर यह छवि
प्रकृति से भी प्यारी है,
दिल-ओ-दिमाग में जो रहती हमेशा,
वो तस्वीर तुम्हारी है ।
कोयल की मीठी बोली हो
होली की रंगोली हो
रंग भरी इस दुनिया में
अपने रंग मे रंग जाते हम
ऐसी याद हमारी है
दिल-ओ-दिमाग में जो रहती हमेशा,
वो तस्वीर तुम्हारी है ।
क्या बताऊँ यह छवि है कैसी
भोर की आभा जैसी
पूर्णिमा के चंद्रमा जैसी
जैसे हो सुबह का सपना
जैसे हो कवि की कल्पना
जमाने से जूझ कर, कायदों को लांघ कर
सीने में यह ललित छवि उतारी है,
दिल-ओ-दिमाग में जो रहती हमेशा,
वो तस्वीर तुम्हारी है ।
वो तस्वीर तुम्हारी है ।।
©पमेश कुमार
8894968737

वो तस्वीर तुम्हारी है
Thursday, March 7, 2024
Topic(s) of this poem: hindi,swachh bharat abhiyan,indian,indians,blind love,affinity and love,bittersweet love,cute love,fake love,life
POET'S NOTES ABOUT THE POEM
............this poem gives the picture of love in the form of an image hidden in our heart.
COMMENTS OF THE POEM
READ THIS POEM IN OTHER LANGUAGES
Close
Error Success